भेड़ियों का आतंक बहराइच के 35 गांवों में 2 आदमखोर भेड़ियों का आतंक फैला हुआ है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। 

वन विभाग की कोशिशें भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग ने पिंजरे, जाल और थर्मल ड्रोन का इस्तेमाल किया, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। 

पुलिस और वन विभाग की गश्त पुलिस और वन विभाग की टीम दिन-रात गांवों में गश्त कर रही है, भेड़ियों का पता लगाने और ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए। 

ग्रामीणों की जागरूकता भेड़ियों के पंजों की पहचान और उनके हमलों से बचाव के लिए गांवों में बड़े-बड़े बैनर लगाए गए हैं, ताकि लोग सतर्क रहें। 

रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात भेड़ियों के देखे जाने की खबर मिलने पर तुरंत रैपिड रिस्पॉन्स टीम मौके पर पहुंचती है, लेकिन अब तक केवल चार भेड़िये पकड़े गए हैं।

गोलियों से मारने का विकल्प भेड़ियों को पकड़ने में असफल होने पर उन्हें गोली मारने का प्लान भी तैयार है, जिससे जल्द से जल्द आतंक का अंत हो सके। 

ग्रामीणों की सुरक्षा के उपाय गांव वाले रातभर जागकर पहरा दे रहे हैं। कुछ परिवार शिफ्ट में सो रहे हैं ताकि कोई भी भेड़िया हमला न कर सके। – image credit @ aajtak

दो बचे भेड़िये दो भेड़िये अब भी बहराइच के 35 गांवों के लिए खतरनाक बने हुए हैं, खासकर छोटे बच्चों को निशाना बना रहे हैं। –

थर्मल ड्रोन का उपयोग थर्मल इमेजिंग सिस्टम वाले ड्रोन का उपयोग कर आस-पास के इलाकों की स्कैनिंग की जा रही है, जिससे भेड़ियों का पता लगाया जा सके।

ऑपरेशन भेड़िया जारी 55 दिनों से भेड़ियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन भेड़िया जारी है, वन विभाग की करीब 250 सदस्यीय टीम निगरानी में जुटी है।