Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY): सफलतापूर्वक एक दशक पूरा किया
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY) ने 28 अगस्त 2024 को अपनी शुरुआत के दस वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस योजना का उद्देश्य गरीब और हाशिए के समाज को आर्थिक मुख्यधारा में शामिल करना और उनके विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना था। पीएमजेडीवाई ने न केवल वित्तीय समावेशन में बड़ा योगदान दिया है, बल्कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
PMJDY का उद्देश्य और महत्व
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana को 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य उन लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना था, जो अब तक इनसे वंचित थे। इस योजना के तहत बिना किसी न्यूनतम शेष राशि के एक बुनियादी बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान की गई, जिससे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग भी बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकें।
योजना की प्रमुख उपलब्धियां
1. बैंकिंग प्रणाली में शामिल लोगों की संख्या में वृद्धि
पीएमजेडीवाई के तहत 53.14 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं। यह संख्या 2015 के मार्च में 15.67 करोड़ से बढ़कर अगस्त 2024 तक 53.14 करोड़ हो गई, जो कि 3.6 गुना की वृद्धि है। इस योजना के तहत, गरीब और हाशिए के समाज के लोग बैंकिंग सेवाओं से जुड़ गए और वे अब सीधे सरकारी लाभों का लाभ उठा रहे हैं।
2. खातों में जमा राशि की वृद्धि
पीएमजेडीवाई खातों में कुल जमा रकम 2,31,236 करोड़ रुपये है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। यह धनराशि न केवल गरीबों की वित्तीय स्थिति को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि अब वे लोग भी बचत कर रहे हैं जो पहले इस सुविधा से वंचित थे।
3. महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में सहभागिता
इस योजना के तहत खोले गए खातों में से लगभग 55.6 प्रतिशत खाताधारक महिलाएं हैं, और 66.6 प्रतिशत खाते ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में खोले गए हैं। यह तथ्य दर्शाता है कि योजना ने ग्रामीण और महिलामुखी समाज में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है।
Video
डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन में योगदान
पीएमजेडीवाई ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना के तहत 36.14 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं, जो 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान करते हैं। यह कार्ड धारकों को डिजिटल लेन-देन की सुविधा प्रदान करता है और उन्हें आर्थिक सुरक्षा भी देता है।
सरकार की दृष्टि और समर्थन
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएमजेडीवाई ने गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में एकीकृत करने और हाशिए के समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी ने भी इस योजना की प्रशंसा की और कहा कि यह न केवल एक योजना है, बल्कि एक परिवर्तनकारी अभियान है जिसने बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को वित्तीय स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान की है। उन्होंने यह भी बताया कि पीएमजेडीवाई ने देश भर में बैंक खातों के मामले में लगभग संतृप्ति की स्थिति हासिल कर ली है।
पीएमजेडीवाई के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाएं
पीएमजेडीवाई के तहत बैंकिंग सेवाओं की व्यापक पहुंच सुनिश्चित की गई है। यह योजना बिना बैंकिंग सुविधा वाले हर वयस्क को एक बुनियादी बैंक खाता प्रदान करती है। इस खाते के लिए कोई शुल्क या रखरखाव शुल्क नहीं लिया जाता है और इसके लिए खाते में न्यूनतम शेष राशि को बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है।
इसके अलावा, खाताधारकों को एक निःशुल्क रुपे डेबिट कार्ड भी प्रदान किया जाता है, जिसमें 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर शामिल होता है। पीएमजेडीवाई खाताधारकों को आपातकालीन स्थितियों के दौरान 10,000 रुपये तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी दी गई है।
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana के लाभ
पीएमजेडीवाई के तहत खोले गए बैंक खाते न केवल प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer – DBT) में मददगार साबित हुए हैं, बल्कि ये खाते सरकारी लाभों को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने, निर्बाध लेनदेन और बचत संचय के लिए भी एक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करते हैं।
यह योजना जन सुरक्षा योजनाओं के तहत असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिकों को जीवन एवं दुर्घटना बीमा प्रदान करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, इस योजना ने मुद्रा लोन के आवंटन में भी वृद्धि की है, जिससे लोगों को स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता मिलती है।
जेएएम (जन-धन, आधार, मोबाइल) की त्रिमूर्ति
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana जेएएम (जन-धन, आधार, मोबाइल) की त्रिमूर्ति के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह त्रिमूर्ति सरकारी सब्सिडी और लाभों को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित करने का एक सशक्त माध्यम साबित हुई है। इससे सब्सिडी वितरण में होने वाले नुकसान को कम किया गया है और लाभार्थियों को सीधे लाभ पहुंचाया गया है।
भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि पीएमजेडीवाई ने वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन अब भी कई चुनौतियां बाकी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना, खातों के उपयोग को बढ़ाना, और वित्तीय सेवाओं की व्यापकता को सुनिश्चित करना अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
भविष्य में, इस योजना को और भी प्रभावी बनाने के लिए सरकार को डिजिटल भुगतान को और अधिक सुरक्षित और सुगम बनाने की दिशा में काम करना होगा। साथ ही, योजना के तहत खोले गए खातों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय शिक्षा कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY) ने अपने दस वर्षों के सफर में न केवल वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को प्राप्त किया है, बल्कि देश के गरीब और हाशिए के समाज को आर्थिक मुख्यधारा में शामिल कर उन्हें सशक्त बनाने का भी कार्य किया है।
इस योजना ने न केवल बैंकिंग प्रणाली में लोगों को जोड़ा है, बल्कि डिजिटल भुगतान को भी बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना को हमेशा वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम के रूप में याद किया जाएगा, जिसने समाज के अंतिम व्यक्ति तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाने का काम किया है।
इन्हें भी देखें:-
Subhadra Yojana की: पहली किस्त 17 सितंबर को जारी की जाएगी
Subhadra Yojana: प्रत्येक महिला को कुल 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी