Mushroom Farming Subsidy Scheme: बिना खेत के मुनाफे वाली खेती! सरकार देगी ₹10 लाख की सहायता, ऐसे उठाएं लाभ
Mushroom Farming Subsidy Scheme में शामिल होने के लिए पहले आओ, पहले पाओ नीति के आधार पर आवेदकों का चयन किया जाएगा। हर आवेदक को सिर्फ एक मशरूम हट इकाई का लाभ मिलेगा। योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक को प्राधिकृत संस्थान से अनिवार्य प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। मशरूम हट की लागत ₹1,79,500 है, जिस पर 50% का अनुदान दिया जाएगा। मशरूम हट का आकार 1500 स्क्वायर फीट का होना चाहिए, अर्थात 50 फीट लंबाई और 30 फीट चौड़ाई। संरचना का नक्शा और प्राक्कलन संबंधित वेबसाइट पर डाउनलोड हेतु उपलब्ध है।
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Toggleमुख्य उद्देश्य
Mushroom Farming Subsidy Scheme का मुख्य उद्देश्य किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित करना है ताकि वे कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकें। इसके साथ ही यह योजना राज्य में नए रोजगार अवसर भी प्रदान करती है।
योजना की विशेषताएं
- योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।
- Mushroom Farming Subsidy Scheme के तहत एक आवेदक को केवल एक इकाई का लाभ मिलेगा।
- Mushroom Farming Subsidy Scheme का लाभ लेने के लिए आवेदक को प्राधिकृत संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है।
- मशरूम हट की इकाई लागत ₹179500 है, जिस पर 50% अनुदान मिलेगा।
- मशरूम हट का क्षेत्रफल 1500 स्क्वायर फिट (50 फीट x 30 फीट) होना चाहिए।
- मशरूम हट का अनुमोदित मॉडल प्राक्कलन और संरचना का नक्शा दिए गए लिंक पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
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एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना अंतर्गत मशरुम, मशरुम स्पॉन तथा मशरुम कम्पोस्ट उत्पादन इकाई के लिए सरकार दे रही 50% का अनुदान। @Agribih @AgriGoI @KrSarvjeetRJD @saravanakr_n#DoublingFarmersIncome #Mushroom #ProsperousBihar #agribih #agricultureBihar pic.twitter.com/qPM61oM2AA
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) November 7, 2022
मशरूम की खेती और इसका बढ़ता प्रचलन
मशरूम की खेती आजकल किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है। इसे छोटे क्षेत्र में कम लागत में शुरू किया जा सकता है, और इससे अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है। मशरूम को एक स्वास्थ्यवर्धक आहार के रूप में देखा जाता है, जिससे इसकी मांग हर सीजन में बनी रहती है।
मशरूम फार्मिंग सब्सिडी स्कीम का परिचय
बिहार सरकार ने किसानों के लिए मशरूम फार्मिंग सब्सिडी स्कीम की शुरुआत की है। Mushroom Farming Subsidy Scheme के अंतर्गत किसान 50% सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे मशरूम की खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
मशरूम की खेती में सब्सिडी का लाभ कैसे मिलेगा?
योजना के तहत मशरूम फार्मिंग यूनिट की कुल लागत 20 लाख रुपये है। इसमें से सरकार 50% यानी 10 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करती है। इसका मतलब है कि किसानों को केवल आधी लागत वहन करनी होगी।
₹10 लाख की आर्थिक सहायता का विवरण
मशरूम फार्मिंग यूनिट स्थापित करने में कुल लागत का 50% हिस्सा बिहार सरकार की ओर से सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाता है। इससे किसानों को वित्तीय सहायता मिलती है और वे बिना ज्यादा जोखिम के मशरूम की खेती कर सकते हैं।
योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
यह योजना केवल बिहार राज्य के स्थायी निवासियों के लिए है। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को पहले आवेदन करना होता है और यह सुविधा पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलती है।
मशरूम हट निर्माण के मापदंड
मशरूम हट के लिए 1500 स्क्वायर फिट (50 फीट x 30 फीट) का क्षेत्रफल आवश्यक है। इसकी इकाई लागत ₹179500 निर्धारित है, जिसमें सरकार द्वारा 50% सब्सिडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण की अनिवार्यता
योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए, आवेदक को अधिकृत संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है। प्रशिक्षण से उन्हें मशरूम की खेती में कुशलता प्राप्त होगी, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
मशरूम की बढ़ती मांग और इसके लाभ
आजकल मशरूम की मांग काफी बढ़ गई है क्योंकि इसे एक पोषक आहार माना जाता है। मशरूम में प्रोटीन, विटामिन्स और खनिज पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।
मशरूम उत्पादन में संभावित लाभ
मशरूम की खेती से किसान एक छोटे से क्षेत्र में भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसे आसानी से नियंत्रित माहौल में उगाया जा सकता है, जिससे उत्पादन और मुनाफा दोनों बढ़ते हैं।
बिहार सरकार की इस पहल का महत्व
बिहार सरकार की यह योजना किसानों की आय बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसके माध्यम से किसान मशरूम की खेती में नए अवसर प्राप्त कर सकते हैं और राज्य के कृषि क्षेत्र में भी विकास संभव होगा।
लाभ
- पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर योजना का लाभ मिलता है।
- हर आवेदक को एक मशरूम हट इकाई का लाभ प्राप्त होगा।
- 50% अनुदान के साथ मशरूम हट की लागत का आर्थिक समर्थन दिया जाएगा।
- 1500 स्क्वायर फीट के क्षेत्रफल में मशरूम हट का निर्माण किया जा सकता है।
- प्राधिकृत संस्थान द्वारा प्रशिक्षण लेने के बाद ही योजना का लाभ लिया जा सकता है।
- मशरूम हट का मानक प्राक्कलन और संरचना का नक्शा ऑनलाइन उपलब्ध है, जिससे इसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
पात्रता
- लाभार्थी: Mushroom Farming Subsidy Scheme का लाभ केवल बिहार राज्य के किसान और युवा उठा सकते हैं।
- निवास: लाभार्थी को बिहार राज्य का निवासी होना अनिवार्य है।
- प्रशिक्षण: Mushroom Farming Subsidy Scheme का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को प्राधिकृत संस्थान से प्रशिक्षण लेना जरूरी है।
- सिद्धांत: योजना का लाभ 'पहले आओ, पहले पाओ' के सिद्धांत पर आधारित है।
आवेदन प्रक्रिया
- Mushroom Farming Subsidy Scheme का लाभ उठाने के लिए किसान को बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाना होगा।
- यदि आप पोर्टल पर नए उपयोगकर्ता हैं, तो आपको पहले पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
- होम पेज में ‘Scheme’ टैब पर जाएं और मशरूम से संबंधित योजना के ऑप्शन को चुनें।
- इसके बाद आपके सामने योजना के तीन विकल्प खुल जाएंगे, जिनमें से आप अपनी आवश्यकता के अनुसार योजना का चयन कर सकते हैं।
- योजना का चयन करते ही आवेदन फॉर्म खुल जाएगा, जिसमें आपको सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करनी होगी।
- सभी ज़रूरी दस्तावेज़ अपलोड करें और फॉर्म को सबमिट कर दें।
- आवेदन करने के बाद चयनित किसानों को योजना के तहत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- लेआउट प्लान
- जमीन का रसीद
- मशरूम प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
- आवेदक का फोटो
निष्कर्ष
मशरूम फार्मिंग सब्सिडी स्कीम बिहार सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों को कम लागत में अधिक लाभ कमाने का अवसर प्रदान करती है। Mushroom Farming Subsidy Scheme के माध्यम से किसान अपने आय स्रोतों में वृद्धि कर सकते हैं और कृषि क्षेत्र में नए आयाम जोड़ सकते हैं।
FAQ
क्या यह योजना सभी राज्यों के किसानों के लिए उपलब्ध है?
नहीं, यह योजना केवल बिहार के किसानों के लिए है।योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी कितनी है?
किसानों को 50% सब्सिडी दी जाएगी, जो कि ₹10 लाख तक हो सकती है।क्या योजना के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य है?
हाँ, योजना का लाभ उठाने के लिए प्राधिकृत संस्थान से प्रशिक्षण लेना आवश्यक है।आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है?
योजना का लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर है, इसलिए जल्द आवेदन करें।मशरूम हट निर्माण के लिए क्या मापदंड हैं?
मशरूम हट का क्षेत्रफल 1500 स्क्वायर फिट (50 फीट x 30 फीट) होना चाहिए।