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Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah Yojana  (PM-MKSSY): मछुआरों और मत्स्यपालकों के लिए समृद्धि का नया युग

Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah Yojana

Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah Yojana को मछली पालन क्षेत्र में उन्नति और विकास के उद्देश्य से लॉन्च किया जा रहा है। इसके तहत मछुआरों और मत्स्य पालकों के लिए नई योजनाओं और संसाधनों का विकास किया जाएगा, जिससे न केवल उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होगी, बल्कि प्रसंस्करण के बाद होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सकेगा।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्री, श्री राजीव रंजन सिंह (उर्फ ललन सिंह), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah Yojana का शुभारंभ करेंगे। यह कार्यक्रम नई दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन, चाणक्यपुरी में आयोजित होगा। इस योजना का उद्देश्य भारत के मछुआरों और मत्स्यपालकों की जीवनशैली को बेहतर बनाना और उन्हें बेहतर संसाधनों और सुविधाओं से सुसज्जित करना है।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री मछली पालन क्षेत्र में उत्पादन और प्रसंस्करण समूह केंद्रों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (Standard Operating Procedures – SOPs) भी जारी करेंगे, जो इस क्षेत्र को संगठित और कुशल बनाने में मदद करेंगी। साथ ही, स्वदेशी मछली प्रजातियों के संवर्धन और राज्य मछलियों के संरक्षण पर महत्वपूर्ण पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु:

  1. उद्देश्य:
    • मछली पालन क्षेत्र का औपचारिकरण करना।
    • मत्स्य उद्यमों को वित्तीय संस्थानों से जोड़ना।
    • मत्स्य और जलीय कृषि बीमा को बढ़ावा देना।
    • मछली उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
  2. लाभार्थी:
    • मछुआरे, मछली किसान, मछली उत्पादक, और मत्स्य उद्यम।
    • स्वयं सहायता समूह (SHGs), मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (FFPOs) और सूक्ष्म उद्यम।
  3. वित्तीय सहायता:
    • इस योजना के तहत ₹6000 करोड़ का निवेश किया जाएगा, जिसमें से ₹3000 करोड़ सरकारी और शेष राशि निजी निवेश से जुटाई जाएगी।
    • प्रत्येक महिला कर्मचारी के लिए ₹15,000 और पुरुष कर्मचारी के लिए ₹10,000 प्रति वर्ष सहायता दी जाएगी​

मुख्य अतिथियों की उपस्थिति

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी और अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन और प्रो. एसपी सिंह बघेल की भी उपस्थिति रहेगी। इसके अलावा, इस अवसर पर मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी, राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड, ICAR संस्थान और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।

मत्स्य पालन में क्रांति: 2014 से अब तक

भारत सरकार ने 2014 से लेकर अब तक मत्स्य पालन क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। 2015-16 से 2019-20 तक 5000 करोड़ रुपये के निवेश से नीली क्रांति के तहत मछली पालन का एकीकृत विकास और प्रबंधन किया गया। इसके बाद 2018-19 से मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF) के तहत 7,522.48 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), जो 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2020-21 से 2024-25 तक संचालित है, का उद्देश्य मछली पालन क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और इसे नए उच्चस्तर पर ले जाना है। इस योजना के तहत अब एक और उप-योजना, Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah Yojana (PM-MKSSY), 6,000 करोड़ रुपये की निवेश योजना के साथ चालू वर्ष (2024-25) से लागू की जा रही है।

Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah Yojana के उद्देश्य

इस योजना के तहत मछली पालकों और मछुआरों को विभिन्न वित्तीय सहायता, उत्पादकता बढ़ाने के साधन और नई तकनीकों का उपयोग करने का अवसर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य केवल उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना नहीं है, बल्कि मछली उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान को भी कम करना है।

योजना के तहत प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • मछुआरों और मत्स्य पालकों की आजीविका में सुधार
  • नवीनतम तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देना
  • प्रसंस्करण के बाद की सुविधाओं को सुदृढ़ करना
  • स्वच्छ और सुरक्षित मछली बाजारों की स्थापना
  • उत्पादन के बाद के नुकसान को कम करने के लिए कोल्ड चेन सुविधाएं
  • नए बंदरगाहों और लैंडिंग केंद्रों का निर्माण

तटीय मछुआरों का विकास

इस योजना के तहत तटीय मछुआरों के गांवों का विकास भी एक प्रमुख पहल होगी। जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांवों और मछली पालन समूहों को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।

न्यूक्लियस प्रजनन केंद्रों की अधिसूचना और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना इस क्षेत्र में मछली पालन की नई तकनीकों और नवाचारों को बढ़ावा देने में सहायक होगी।

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana की सफलता

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने पिछले चार वर्षों में उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं। इसके तहत मछुआरों और मछली पालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ-साथ देश में मछली उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

भारत का मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। यह योजना न केवल उत्पादन में वृद्धि कर रही है बल्कि मछुआरों और मत्स्यपालकों के जीवन को बेहतर बना रही है।

निष्कर्ष

Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah Yojana (PM-MKSSY) देश के मछुआरों और मछली पालकों के लिए एक वरदान साबित होगी। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से उन्हें सशक्त करेगी बल्कि मछली उत्पादन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी।

सरकार के इस प्रयास से मछली पालन क्षेत्र में नवाचार और प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा मिलेगा, जो आने वाले समय में भारत को एक प्रमुख मछली उत्पादक देश बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

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